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चर्चा में रहे लोगों से बातचीत पर आधारित साप्ताहिक कार्यक्रम

विचित्र संयोग है कि येदियुरप्पा सिर्फ़ एक बार नहीं बल्कि दो बार कुमारस्वामी की ख़ाली की गई कुर्सी पर बैठेंगे. पहली बार, 2006 में कुमारस्वामी ने जेडीएस-बीजेपी गठबंधन के समझौते के तहत उन्हें मुख्यमंत्री पद से वंचित कर दिया था. दो साल बाद येदियुरप्पा 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपने दम पर सत्ता के क़रीब आए. येदियुरप्पा लगातार मतभेद और सत्ता के संतुलन से जूझते रहे. बीजेपी सरकार में क़ानून मंत्री रहे एस सुरेश कुमार इस बात से सहमत नहीं हैं कि इस बार भी हालात 2008-11 की तरह हैं. सुरेश कुमार कहते हैं, ''कुल 204 विधायकों में हमलोग के पास 105 विधायक हैं. हमारी पहली कोशिश है कि स्थिर सरकार बने और सरकार के प्रति लोगों का भरोसा कायम हो. मैने किसी ऐसे नेता को नहीं देखा जो परेशान है. सब कुछ हमारे नेताओं के रुख़ पर निर्भर करता है. मुझे नहीं लगता है कि इसमें कोई समस्या है.'' कांग्रेस और जेडीएस के 20 बाग़ी विधायकों की बीजेपी में एंट्री को लेकर बीजेपी में भी विरोध है. लेकिन बीजेपी में इसे लेकर जिनकी आपत्ति है उन्हें आश्वस्त किया गया है कि हितों का ध्यान रखा जाएगा. हाला