अमरीका ने चीनी आयात पर लगाया 200 अरब डॉलर का शुल्क
Get link
Facebook
X
Pinterest
Email
Other Apps
न के साथ व्यापार युद्ध को एक क़दम और आगे बढ़ाते हुए अमरीका ने फिर से 200 अरब डॉलर के चीनी उत्पादों पर नया टैरिफ़ लगाया है.
ये
आयात शुल्क 5 हज़ार से ज़्यादा वस्तुओं पर लागू होगा. अमरीका इससे पहले भी
चीनी सामान पर आयात शुल्क लगा चुका है लेकिन ये एक बारी में लगाया गया
सबसे अधिक शुल्क है.
इसमें हैंडबैग, चावल और कपड़ों को शामिल किया
गया है लेकिन कुछ वस्तुओं को जैसे स्मार्ट घड़ी और प्ले पेन को इसमें शामिल
नहीं किया गया है हालांकि इनके शामिल किए जाने संभावना जताई जा रही थी.
उससे
पहले अमरीका के लकड़ी से बने फर्नीचर पर आयात शुल्क नहीं लगाया था लेकिन
इस बार इस पर भी शुल्क लगा दिया गया है. माना जा रहा है कि इसका असर चीन के साथ-साथ अमरीका में फर्नीचर बाज़ार पर भी पड़ेगा.
इधर चीन ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि अगर अमरीका आयात शुल्क लगाता है तो वो भी जवाबी कार्रवाई करेगा.
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि
अगर अमरीका नए आयात शुल्क लगाता है तो चीन भी अपने हितों की रक्षा करने के
लिए मजबूर हो जाएगा.
उन्होंने कहा था, "दूसरी बात ये कि इस कारोबारी
जंग से किसी को कोई फ़ायदा नहीं होगा. हमने हमेशा कहा है कि व्यापार मसलों
को बातचीत से सुलझाना ही ठीक रास्ता है और एक-दूसरे पर भरोसा करके और
मान-सम्मान के साथ."
नए आयात शुल्क इसी महीने के 24 से लागू हो रहे हैं, जिसकी शुरूआत 10
फीसदी से होगी लेकिन अगले साल की शुरूआत में बढ़कर 25 फीसदी हो जाएगी.
राष्ट्रपति
डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि ये नए टैरिफ चीन के "व्यापार करने के अनुचित
तरीकों के जवाब में है और साथ ही सब्सिडी और नियमों को लेकर हैं जिसके लिए
कुछ क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों को स्थानीय भागीदारों के साथ काम करना
होता है."
ट्रंप ने कहा कि अमरीका बदलाव किये जाने को लेकर स्पष्ट
रहा है और चीन को अमरीका के साथ उचित तरह से व्यापार करने का हर मौक़ा दिया
गया है.
उनका कहना है, "लेकिन, अब तक, चीन अपनी व्यापार करने के तरीके को बदलने का इच्छुक नहीं दिखा है."
दोनों देश पहले ही एक-दूसरे पर 500 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगा चुके हैं जिसका असर अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों पर पड़ा है.
ट्रंप
का कहना है कि अगर चीन के इसके जवाब में कोई कदम उठाए तो वो अगले चरण के
आयात शुल्क लगाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे और 267 अरब डॉलर के चीनी
उत्पादों पर शुल्क लगाएंगे.
267 अरब डॉलर के चीनी उत्पादों पर शुल्क का मतलब होगा कि चीन से आयात किए जाने वाले लगभग सभी उत्पाद इस दायरे में आ जाएंगे.
बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और अभिनेता वरुण धवन की फिल्म सुई धागाका ट्रेलर जब से सामने आया है तब से इस फ़िल्म में अनुष्का शर्मा के लुक को लेकर इंटरनेट पर मीम बनाए जा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर अक्सर ट्रोलिंग का शिकार होने वाली अनुष्का कहती हैं कि मीम से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ट्रोलिंग ग़लत है.
बीबीसी
से ख़ास बातचीत में अनुष्का शर्मा ने कहा कि फ़िल्म 'सुई धागा - मेड इन
इंडिया' में उनके द्वारा किए गए अभिनय पर जो मीम्स बन रहे हैं, उससे उन्हें
पता चल रहा हैं कि यह फिल्म लोगों के ज़हन में उतर चुकी है. इमेज कॉपीरइटवह बताती हैं, "अपने मीम्स देखकर मुझे गुस्सा नहीं आता
बल्कि मुझे ख़ुद बहुत अच्छा और मज़ाकिया लगा. कई सारे मीम्स जो मैंने
इंटरनेट पर देखे वो खुद अपने दोस्तों को भेज रही हूँ. कई बार तो मैं वरुण
को भी भेजती हूँ और कहती हूँ ये नया वाला देखा क्या?"नुष्का कहती हैं कि, "हम एक्टर बहुत कुछ करते हैं समाज में जागरुकता
फैलाने के लिए, लेकिन फिर भी हमसे कई लोग यही सवाल करते हैं कि आप लोग देश
और समाज के लिए क्या कर रहे हो? कई बार हमें बहुत ट्रोल भी किया जाता है.
जब हम लोगों को बताते हैं कि हम इस संस्था के लिए कुछ कर रहे हैं तो लोग
हमें ये कहकर ट्रोल करते हैं कि ये तो ठीक है, लेकिन दूसरे कामों के लिए
क्यों नहीं कर रहे हो?"
"मैं अपनी फिल्मों से जागरूकता लाने का
प्रयास करती हूँ. जानवरों के लिए भी बहुत कुछ करती हूँ, लेकिन उसके लिए भी
गाली खाती हूँ. कुछ करो तो भी लोग यही सवाल पूछते हैं कि और क्या कर रही
हो. मैं अपनी हर सांस में कोशिश करती हूँ कि कुछ ना कुछ करती रहूं, लेकिन
उसमें भी लोग कुछ न कुछ कह ही देते हैं."
"मुझे सबसे
अच्छा मीम वो लगा जिसमें मेरा चेहरा एक वीडियो गेम में लगाया गया है और जब
कोई जीत जाता है तो जीतने पर उस वीडियो गेम पर बने झंडे को पकड़ कर मैं गेम
से बाहर आ जाती हूँ. ये सब देख पता चलता है कि हमारी फिल्म के ट्रेलर को
लोग ज़्यादा से ज़्यादा देख रहे है. पसंद कर रहे है, उसकी बात कर रहे हैं.
लोगों को ये इतना ओरिजिनल लगा कि वो इसके लिए वक़्त निकाल कर बातें कर रहे
हैं. ये देख मुझे बहुत ख़ुशी हुई."
लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले बीजे पी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं को बीजेपी अध्यक्ष अ मित शाह ने रात्रि भोज पर बुलाया. म क़सद सबका आभार जताने के अलावा यह संदेश देना भी था कि हम साथ-साथ हैं. अमित शाह चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन य ह भी कह चुके हैं कि बीजेपी चाहेगी कि इस कुनबे में और दल जुड़ें. चुनाव नतीजे से पहले औपचारिकता के अलावा भी इस बैठक के कई और मक़सद हैं. एक, यह संदेश देने के लिए कि एग्ज़िट पोल भले ही बीजे पी को अकेले ही बहुमत हासिल करने के संकेत दे रहे हों, लेकिन सरकार एनडीए की ही बनेगी. दूसरा मक़सद मतदाताओं को संदेश देना था कि चुनाव के दौरान एनडी ए के घटकों में जो एकता दिखी वह केवल चुनावी दिखावा नहीं थी. बीजेपी इस एक ता को अगले पांच साल भी कायम रखना चाहती है. यही कारण है कि पार्टी ने इस बात को सुनिश्चित किया कि तीन बड़े घटक दलों शिरोमणि अकाली दल, जनता द ल यूनाइटेड और शिवसेना के प्रमुख नेताओं की उपस् थिति हो. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे लंदन में थे और माना जा रहा था कि वे नहीं आएंगे या नहीं आ पाएंगे. वैसे भी उद्धव ठाकरे दिल्ली कम ही आते है...
أقالت سلسلة مطاعم ماكدونالدز الرئيس التنفيذي، ستيف إيستبروك، إثر علاقة مع موظفة. وقالت شركة الوجبات السريعة إن العلاقة كانت بالتراضي بين الطرفين، ولكنها أخلت بسياستها. وفي رسالة إلى العاملين أقر رجل الأعمال البريطاني بالعلاقة وقال إنها أمر خاطئ. وأضاف: "مع أخذ قيم الشركة في الاعتبار، اتفق مع الشركة أن الوقت قد حان لي أن أذهب". وعمل إيستبروك، وهو مطلق يبلغ من العمر 52 عاما، في ماكدونالدز في بادئ الأمر عام 1993 كمدير في لندن قبل الترقي الوظيفي في الشركة. وترك إيستبروك ماكدونالدز عام 2011، ولكنه عاد إليها عام 2013، ليصبح رئيسها في بريطانيا وشمال أوروبا. وعُين إيستبروك رئيسا لمجلس إدارة ماكدونالدز عام 2015. وصوت مجلس إدارة الشركة على إقالة إيستبروك بعد مراجعة للأمر الجمعة. وستنشر الشركة تفاصيل التسوية المالية لنهاية خدمة إيستبروك الاثنين، ويتوقع أن تحظى تفاصيل التسوية باهتمام وتدقيق كبيرين. ووجهت انتقادات للشركة في السابق بشأن ما تدفعه للعاملين في مطاعمها ومتاجرها، وواجه إيستبروك تدقيقا بشأن راتبه السنوي الذي يبلغ 15.9 مليون دولار عام 2018. ويقدر راتب إيستبروك بـ 21...
Comments
Post a Comment